तिहाड़ जेल, जिसे आज़ाद भारत की सबसे बड़ी और कुख्यात जेलों में से एक माना जाता है, का नाम कैसे पड़ा, इसके पीछे एक रोचक कहानी है। तिहाड़ का नाम उस गाँव से लिया गया है जहाँ यह जेल स्थित है। तिहाड़ गाँव दिल्ली के पश्चिमी हिस्से में स्थित है, और इसी गाँव के नाम पर इस जेल का नाम भी तिहाड़ पड़ा।
तिहाड़ जेल की स्थापना 1957 में हुई थी, जब इसे सुधार गृह के रूप में शुरू किया गया था। लेकिन धीरे-धीरे यह भारत की सबसे बड़ी और सुरक्षित जेलों में से एक बन गई। तिहाड़ जेल को “तिहाड़ आश्रम” भी कहा जाता है, क्योंकि यहाँ कैदियों के सुधार और पुनर्वास पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
आज तिहाड़ जेल न केवल एक सुरक्षा प्रतिष्ठान है, बल्कि कैदियों के जीवन को सुधारने और उन्हें समाज में फिर से शामिल करने का एक केंद्र भी है। तिहाड़ जेल का नाम और इसका इतिहास दोनों ही दिल्ली की समृद्ध विरासत का हिस्सा हैं।